गरीब विरोधी कमलनाथ सरकार :- गोपाल भार्गव


■ नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने शून्यकाल में संबल योजना और अतिथि शिक्षकों का मामला उठाया । 



भोपाल, शुक्रवार, 20 दिसम्बर, 2019 । नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने आज सदन में गरीबों को संबल योजना का लाभ न दिए जाने, अतिथि शिक्षकों और संविदा भर्ती परीक्षा में चयनित युवाओं की नियुक्ति का मामला शून्यकाल में उठाते हुए सरकार से जवाब मांगे।



प्रदेश में गरीब तड़प रहा, चारों ओर हाहाकार मचा हुआ
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की गरीबों के कल्याण के लिए संबल योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत साधारण मृत्यु पर आश्रित परिवार को सहायता राशि देते थे। इस योजना में दुर्घटना हो जाए तो 4 लाख कफन दफन के लिए 5 हजार रुपये देने का काम किया। महिलाओं के प्रसव के लिए 16 हजार रुपये और गरीबों के बिजली बिल आधे किये ताकि गरीबो के उत्थान हो। लेकिन इस 1 वर्ष में प्रदेश के गरीबों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है। संबल योजना को गरीब विरोधी प्रदेश सरकार ने पूरी तरह बंद कर दिया है। गरीब तड़प रहा है, चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार में किसी की मृत्यु होती है तो अब उसे संबल का लाभ मिलने के बजाय निराशा हाथ लगती है। आज प्रदेश में गरीब भीख मांगने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार संबल योजना को चालू करें और गरीबों को उनका हक दे।


◆ प्रदेश में हर वर्ग आंदोलित
नेता प्रतिपक्ष ने कहा की आज पूरे प्रदेश में हर वर्ग में प्रदेश सरकार को लेकर आक्रोश है। हर वर्ग आंदोलित है।
भले ही अतिथि शिक्षकों की बात हो संविदा शिक्षकों। ऐसा कोई वर्ग नही जिसे कांग्रेस सरकार ने ठगा नही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार निर्दयी है। राजधानी में कड़ाके की ठंड में हजारों की संख्या में अतिथि विद्वान बहनें और भाई हड़ताल पर बैठे लेकिन प्रदेश सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। पिछले 15 दिन से प्रदेशभर में अतिथि विद्वान धरना दे रहे हैं। लेकिन सरकार अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई है जबकि वचन पत्र में कांग्रेस ने स्पष्ट उल्लेख किया था कि वह सत्ता में आते ही अतिथि विद्वानों को नियमित करेगी। विभागीय मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं, ना सरकार की कोई स्पष्ट नीति है। उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल पर बैठे अतिथि शिक्षक महिलाएं और युवा मुंडन करवा रहे है। लेकिन सरकार की आंखें खुल नहीं रही है। सरकार का दिल पसीज नहीं रहा है। उन्होंने सरकार को इस मामले पर ध्यान आकर्षित करते हुए करते हुए सदन में कहा कि सरकार इन अतिथियों की सुध ले।


वचन पत्र का पालन करें कांग्रेस
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने वचन पत्र का ही पालन कर ले तो अतिथि विद्वान नियमित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि संविदा शिक्षकों की भर्ती में जिन लोगों ने परीक्षा दी थी उनके चयनित होने के बाद भी उन्हें अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिए जा रहे हैं। उनकी जॉइनिंग नहीं करवाई जा रही है। जबकि हजारों की संख्या में ऐसे स्कूल है जो शिक्षक विहीन है। सरकार तत्काल चयनित युवाओं को जॉइनिंग दे।
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